अध्याय 1568

अलेक्जेंडर ने वॉल्टर और उसके दल को ठंडी नजरों से देखा।

"तो, यहाँ क्यों आए हो?" अलेक्जेंडर ने पूछा।

वॉल्टर मुस्कुराया। "वही कारण जो तुम्हारा है। क्या हमारे लक्ष्य हमेशा एक जैसे नहीं रहे?"

अलेक्जेंडर हँस पड़ा। "खैर, इसके लिए शुभकामनाएँ।"

वॉल्टर ने आँखें तरेरीं, अलेक्जेंडर को तौलते हुए। "क्या तुमने...

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